आध्यात्म के रास्तों पर
हमारे जीवनमे हम जिन परेशानीओंसे गुज़रते हैं, जिन रुकावटों पर उलज़ जाते हैं, रोजिंदाना जिन्दगीमे करने जैसे कार्योसे विमुख हो
कर कोई गलत रास्ता पकड़ लेते हैं, अगर हरेक जनमका मकसद ईश्वरको समजनेका है और उनके नज़दीक पहुंचना है तो हम कहाँ तक
पहुँच पाए हैं? नीतिका रास्ता हमें अगर मालूम भी है फिर भी उन रास्तों पर चलने से हमें कौन रोक रहा है? जीवनका उदेश अगर
मोक्ष पाना है तो मोक्ष पानेके लिए हमें क्या करना चाहिए उसका हमें पता नहीं है. मनमे हमेशा उठती रहती इच्छाएँ, वासनाएँ, लोभ,
लाम, क्रोध जैसे नकारात्मक और विनाश्की तरफ ले जाने वाले तत्त्वों के ऊपर हम काबू क्यों कर नहीं पाते?
हमारे शरीरसे जो सफ़र हम आगे बढ़ा रहे हैं, हकिकतमे यह सफ़र तो आत्माकी है. इसी आत्माको लेकर हरेक जन्म में शरीर बदल कर
आते रहे फिर भी उन आध्यात्मिक रास्तों पर चलनेसे क्यों इतने दूर रहे? इस जन्ममें हमारा शरीर नहीं रहेगा फिर भी हमारी आत्माकी
सफ़र तो आगे चलते ही रहने वाली है. यह ज्ञान हमें हो सके इस मक्सद्से इस विभागने ऐसे आलेखोंको सम्मलित किया गया है जो
हमारे अंत:करणमें आद्यात्मिक ज्ञानका प्रकाश फैला सके.