मन-मंदिरमे शान्ति की प्रतिमा बिठाएं

May 07, 2020 10:01 PM - Harish Panchal ('hriday')

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हम जिस युग में जी रहे हैं,

जिस पृथ्वी पर जी रहे हैं,

जिन लोगों के बीच जी रहे हैं

जिन हालातमे जी रहे हैं

जो जीवन-शैलीके साथ जी रहे हैं,

नीतिके जो मार्ग थे उनसे दूर हो चले हैं

औरों के प्रति जो द्वेष-भावसे जी रहे हैं

इसी लिए तो हम सब दू:खी हैं

क्यों न हम अपने मन-मंदिरमे

‘शान्ति’ की प्रतिमा बिठाएं,

शान्ति ही ‘बुध्ध’ है, बुध्ध ही ‘शान्ति’ है

भले ही हम ‘बौध्ध’ को माने या ना माने

भगवान् बुध्ध को इस से कोई शिकवा नहीं

वे सिर्फ इतना ही चाहते है की मन-मंदिर मे शांति हो,

जल-थल, आकाश और ब्रह्माण्ड में शांति हो

तो आइये आज ‘बुध्ध पूर्णिमा’ के दिन उन्हें अपने मन-मंदिर में बिठाएं

 और नीचेकी प्रार्थना में हम भी सहभागी हो जाएँ 

 

https://www.youtube.com/watch?v=TNoaxpUSBr4

इश्वर भी भला ऐसी खिलवाड़ करते हैं क्या?

Jun 11, 2020 12:56 AM - Harish Panchal ('hriday')

जब तूने मुझे इस धरती पर भेजा था

तब हाथमे सिर्फ एक पर्चा थमा दिया था.

“तुम्हारे  पूरे जीवनकी कुंडली इसमे मिलेगी” तुमने कहा था,

“जैसे जैसे बड़े होते जाओगे, तब पढ़ते रहना” यह भी कहा था.

मैंने चाहा था मेरे पूरे जीवन की कहानी उसमे मैं पढ़ पाउँगा.

लेकिन माँ ने मना किया था: “रोज पढ़ा नहीं करते, ये विधाता के लेख हैं.”

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मैं ईश्वर हूँ, मै यहीं हूँ,

Jun 03, 2020 07:17 PM - Harish Panchal ('hriday')

यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवती भारत

अभुथान्म्धार्मस्य तदात्मानं स्रुज्यामहम”

 

जब जब धर्मकी हानि होती है, अधर्म बढ़ता है,

तब मैं आता हूँ, और अवतार लेता हूँ.

 

कुरुक्षेत्र की रण भूमि में मैंने यह भी कहा था :

तब भी मैंने इसी लिए ही अवतार लिया था.

 

“परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृताम

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे””

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देवों के देव, महा देव,

जो मौजूद थे जब हम नहीं थे,

Feb 21, 2020 12:29 AM - Harish Panchal - 'Hriday'

कितनी ही पीढियां आती रहे, जाती रहे.

जो बिराजमान है ऐश्वर्य की उस ऊँचाई पर

जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते.

उस परम ‘कल्याण तत्व’ को हम शाष्टांग प्रणाम करें ,

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"अहं ब्रह्मास्मि"

Oct 27, 2019 11:49 PM - Harish Panchal - 'Hriday'

ईश्वर के प्रति जिनकी श्रध्धा मजबूत है वे जानते हैं कि हमारे आस पास जो भी हो रहा है उसके पीछे कोई तो मकसद अवश्य है. कोई अपने पूर्व जन्मोंके कर्मों का भुगतान कर रहा है , कोई नए कर्मों की लकीरें खिंच रहा है तो कोई पिछले जन्मोके कर्मों से बाहर आने का तरीका खोज रहा है.

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भगवानकी प्रतिज्ञा

Dec 28, 2023 10:46 PM - Harish Panchal 'hriday'

आइए, पहले हम सून लें कि भगवानने हम सबके लिए क्या प्रतिज्ञा की है:

“मेरे मार्ग पर पैर रखकर तो देख,

तेरे सब मार्ग खोल ना दूं तो कहना.

 

मेरे लिए खर्च करके तो देख,

कुबेरका भण्डार खोल ना दूं तो कहना.

 

मेरे लिए कडवे वचन सुनकर तो देख,

कृपा ना बरसे तो कहना.

 

 

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