२०२० की सुबहमे आइए, हम एक-जूट हो जायें
२०२० के नये सालकी
चौकट पर हम आ खड़े हैं.
हमारा धेयेय क्या है,
हमें कहाँ जाना है,
मोदीजीने दिखाया है.
लेकिन हमारी चारों तरफ
गद्दारों ने फैलाया हुआ धुआं ही धुआं है.
उनमें से किसीको थोड़ी अक्ल तो है लेकिन
उनके दिमागमें देश-द्रोहका जहर है.
उन्हें और बाहरसे आये हुए गद्दारोंको
उनका स्थान दिखा कर देश की सफाई करनी है
तो आइए हम सब मिलकर मोदीजी के हाथ
मज़बूत करें और उनका मिशन कामयाब बनायें.
२०२० की सुबह को हम सब इसी को अपना मिशन बनायें.
महामारीमे आइये, हमारे अंदर परमात्मासे संपर्क करें
इस दुनियामे लोग अच्छे भी हैं, बुरे भी हैं
कोई बहुत ही अच्छे हैं तो कोई अनहद बुरे हैं
अच्छाई जब बुलंदीओं को छू ले तो वे ईश्वरकी इबादत होती है
जब बूराई अपनी सीमा छोड़ देती है, वे सारी दुनियामें तबाही फैलाती है
हमने आध्यात्मकी और तत्वज्ञानकी कई किताबों में पढ़ा है
की खराब कर्म करने वाले राक्षश योनिमे जन्म लेते हैं
लेकन हमने देखा है वे जन्म तो मनुष्य योनिमे ही लेते है
लेकिन कर्म राक्षसों जैसे करते हैं, जैसे निर्भयाके कातिलोंने कर दिखाये.
आइए हम सब हमारे भिष्म पितामहके साथ हो लें
कोई एक ऐसी हस्ती कई युगोंके बाद, कई सालोंके बाद इस पृथ्वी पर जन्म लेती है
जिसकी सोच इतनी गहेरी, ऊंची और इतनी गहन होती है जो सभी मुश्किलोंके सुझाव ला सके,
जिसकी निर्णायक शक्ति इतनी तेज़, इतनी सही दिशामे होती है, और कभी डगमगाती नहीं,
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय
आज गुरु-पूर्णीमाँ का पवित्र दिवस है.
आईए, हमारे सबके अंतरात्मा में बैठे हुए
‘परम गुरु’ को हम प्रणाम करें,
और संत कबीरजीकी पंक्तियाँ उन्हें सुनाएं”
हम ने चलना सिखा था, चलते गिरना सिखा था,
हम ने चलना सिखा था, चलते गिरना सिखा था,
गिरके संभलना सिखा था और गिरके उठे तो
आसमान में उड़ना भी सिखा था
वसुधैव कुटुम्बकम
“सत्य मेव जयते”
हम जहाँ पले, बडे हुए, पढ़े, कमाए, परिवार बनाया, ज्ञान पाया,
यही धरती हमारी मा है, पिता है, गुरु है और ईश्वर भी है,
जो यहाँ नहीं जन्मे थे, वे आये, उन्हें भी इसी धरती ने सहारा दिया,
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