आइए हम सब हमारे भिष्म पितामहके साथ हो लें

Sep 28, 2019 08:29 PM - Harish Panchal

736


कोई एक ऐसी हस्ती कई युगोंके बाद, कई सालोंके बाद इस पृथ्वी पर जन्म लेती है

जिसकी सोच इतनी गहेरी, ऊंची और इतनी गहन होती है जो सभी मुश्किलोंके सुझाव ला सके,

जिसकी निर्णायक शक्ति इतनी तेज़, इतनी सही दिशामे होती है, और कभी डगमगाती नहीं,

जिसमें कठीन से कठीन कार्यका अमल बिना कोई हिचकिचाहटसे और डंकेकी चोट पर करनेका साहस हो,

जिसकी दीर्घ द्रष्टि आनेवाले संजोगोंको भांपकर, समयके पहले योग्य व्युहरचनाको आकार दे सकती हो,

दुनियाके जिन देशोंने पहले अपमानित रवैयेसे, नीचा दिखाकर हमारी मात्रुभूमिको ठुकराया हो,

चाणक्य नीतिके इस्तेमालसे, उन्हें  सामनेसे, मित्रताके सम्बन्ध हमसे जोड़ने पर प्रेरित किया हो;

रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, सीनाजोरी जैसे अन्यायी तत्त्वोंको उखाड़ फेंकनेकी जिसमे ताकत हो,

जिसमे न्याय, नीति, नि:स्वार्थ सेवा, सात्त्विकता श्रध्धा और दृढ संकल्पका खज़ाना भरा पड़ा हो,

जो ना किसीसे डरता हो, सत्यके मार्गपर चलता हो, दुन्य्वी रिश्तोंसे, माया-ममतासे, लोभ-मोहसे परे हो,

देशभक्ति, देशके लोगोंकी सेवाके लिये सगे-सम्बधीओ, संसार, परिवारको जिसने त्यागा हो,

जिसमे गहरी श्रध्धाका बल हो, खुद में ही ईश्वर होनेका अहेसास हो, नीतिसे प्रेरित आत्मविश्वास हो

जो देशकी सर्वोत्तम गादीपर आरूढ़ होते हुए भी गरीबी और साहजिकतामे फकीरीका अहेसास करता हो

ऐसी,  अबजोंमें भी बड़ी मुश्किलसे मिलनेवाली  व्यक्ति सिर्फ, और सिर्फ भारत देशमे ही जन्म ले सकती है.

ऐसी बाहरसे धीर-गंभीर, शांत  और सौम्य दिखाई  देनेवाली व्यक्ति जब बोलती है तब चोर-उचक्के कापते हैं

He roars like a lion when he speaks, time stops when he thinks, goons shiver when he acts.

ऐसी विभूतिओंको कहते हैं ‘भिष्म पितामह’

आइये हमारे भिष्म पितामह , देशके प्रधान चौकिदार को नमन करें, दीर्घ आयुकी प्रार्थनाके साथ उनके साथ हो लें.

 

श्री कृष्ण गीतामे अर्जुनको बता चुके हैं: “

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽऽत्मानं सृजाम्यहम्।।4.7।।

 

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।4.8।।

 

इसी लिए तो हमारे प्रधान चौकीदारको खुद ईश्वरने हमारी, देशकी उन्नति और सुरक्षाके लिए हमारे बीच भेजा है

 

“सत्य मेव जयते” 

Dec 21, 2019 11:57 AM - Harish Panchal - Hriday

हम जहाँ पले, बडे हुए, पढ़े, कमाए, परिवार बनाया, ज्ञान पाया,

यही धरती हमारी मा है, पिता है, गुरु है और ईश्वर भी है,

जो यहाँ नहीं जन्मे थे, वे आये, उन्हें भी इसी धरती ने सहारा दिया,

1078

Read more

चलो, हम हो लें उनके साथ, करे जो कृष्णके के जैसी बात

Feb 21, 2024 12:06 PM - Harish Panchal - ('hriday')

जिस देशके प्रधान मंत्री पहले दुनियाकी बड़ी कोन्फरंसमें हाथ बाँधकर, मौन हो कर खड़े रहते थे

आज हमारे प्रधान मंत्री की दहाड़  और मार्गदर्शनके पीछे दुनियाको एक नई दिशा दिखती है.

आज हम इतना ऊपर उठ चुके हैं कि हम ‘Super Powers’ की कक्षामें आ चुके हैं.

अब हमें नीचे नहीं गिरना है. हमने ‘विकासकी मशाल’ पकड़ी है , जो सबको राह दिखानी है

 

261

Read more

उनका इंतज़ार आज भी है

Feb 19, 2024 08:04 PM - Harish Panchal ('Hriday

हमारी जिंदगीके ये रास्ते, जिन पर हम चल रहे हैं

उसके हर कदम ऊपर हमारे साथी एक के बाद एक हमसे बिछड़ते जा रहे हैं

ये वोह साथी थे जिनके साथ हमने कोई ख़्वाब देखे थे, कुछ वादे किये थे

उन्हें हमारे दिलकी गहराईके गुलशनसे प्रेमके कुछ फूल तोडके दिए थे

648

Read more

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वे कहाँ है...?

Sep 28, 2019 08:31 PM - Harish Panchal

देशमे कई कितने चुनाव आते रहेअलगअलग पक्षों के लोग लड़ते रहेंएक दूसरेसे झगड़ते रहेमारते रहेमरते रहेसरकार बनाते रहेविपक्ष बनाते रहेआम जनताके पैसोंको लूटते रहेढेर सारे – लाखोंकरोड़ों रुपये अपनी तिजोरिमे जमा करते रहे

1346

Read more

‘जीवन-मूल्यों’ जैसी कोई चीज़ बाकी बची है क्या ?

Dec 06, 2019 10:15 PM - हरीश पंचाल - ह्रदय

जीवन कि सिढियो से प्रगति की ऊन्चाइऑ को हांसिल करने के बजाय, हम दिन-प्रतिदीन नीचे और नीचे ही गिरते जाते हैं. पीढ़ीओं से गिरे हुए जिन संस्कारों के साथ हम नया जन्म ले कर आते हैं, वे निम्नतर संस्कार प्रत्येक जन्म में और नीचे गिरते रहते हैं. जीवनके मूल्यों का अवसान हो चूका है और फिर भी हम हमेशां मरते रहते हैं, जब भी कोई बुरी सोच को पालते हुए निंदनीय कार्य करते हैं. ऊपर से नीचे तक सब गिरे हुए हैं.

1132

Read more

Comments

{{commentsModel.name}}
{{commentsModel.name}}   ADMIN   {{commentsModel.updatets | date: 'MMM d, y h:mm a' : '+0530' }}

{{commentsModel.comment}}

No Comments.