Bhagavad Geeta Shloka Pearls

By Courtosy of Dr Sanjiv Haribhakkti

Adhyaya 1

Arjun Vishad Yog

May 14, 2025 12:47 AM - Harish Panchal 'Hriday' Interpreter

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धृतराष्ट्र बोले  - हे संजय!  धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से

इकट्ठे हुए मेरेे और पाण्डु के पुत्रों ने  क्या किया?

1.1. Dhṛtarāṣṭrra said: O Sañjaya, what did my sons (and others) and Pāṇḍu's sons (and others)

actually do when, eager for battle, they assembled on the sacred field, the Kurukṣetra (Field of the Kurus)?

अर्जुनविषादयोग”

Aug 15, 2020 02:44 PM - Harish Panchal ('hriday')

आज जन्माष्टमी का अति पवित्र दिवस है.

आज के दिन दुनियाके शाश्त्रोंमें जो लिखे गए थे उनमेसे एक अग्रणी, महा पवित्र और आध्यात्मिक ग्रंथो में अति मूल्यवान ‘श्रीमद भगवद गीता’ का प्रत्यक्ष पठन योगेश्वर भगवान् श्री कृष्णने किया था. यह महान विभूति, जिसने धर्म और अधर्मके युध्ध्मे रणभूमिके बीचोबीच अर्जुनको मानवता धर्मका ज्ञान दिया था उनका आज जन्म दिन है. बहुत ही पवित्र दिवस है और इस अवसरपर हम, आपके साथ मिलकर उनके दिव्य मार्गदर्शन को हमारे जीवनमे उतारनेके हेतु से पवित्र ‘गीता-गंगा’ में  स्नान करने जा रहे हैं.

वेद व्यासजी जब श्लोक के बाद श्लोक बोलते जा रहे थे तब उनका लिखा हुआ कुछ छूट ना जाये इस हेतुसे उन्होंने श्री गणेशजीको आग्रह किया कि  जैसे एक श्लोकका उच्चारण पूरा हो, गणेशजी को  एक छोटीसी भी भूल किये बगैर, अर्थ बदले बगैर  उसे लिख देना चाहिये. गणेशजीने स्वीकार तो किया, लेकिन खुदकी एक शर्त भी सूना दी, के वे बीचमे बिलकुल ही रुकेंगे नहीं. अगर बीचमे रुकना पड़ता है, तो वे उठके चले जायेंगे. वेद व्यासजी के पास और कोई रास्ता नहीं था. और  तबसे सम्पूर्ण मानव जिवनको प्रकाशित करने वाली मार्ग दर्शिका ५००० वर्षोंसे हम  सबको जीवनका रास्ता दिखाए जा रही है.

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